मैथिली गीत ( धुन विद्यापती )
August 21, 2013
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श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे, पिया नही आयल – कन्त नही आवल मोर सजनी गे – २
चारो दिश घेरे रामा कारी रे बदरिया, दोसर मे छैक रामा घोर अन्हरिया
थर थर काँपे जिया मोर सजनी गे, श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे । ।
बादल गरजे बिजुली चमके, चारो दिशा दादुर गीत सुनावे – २
बटिया तकैत भेल भोर सजनी गे । । श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे । ।
एक मन करे मोरा डुबी धसी ज ईती दोसर मन होइय कि भागी परैती २
बिरहा सताबे, दिन राती सजनी गे । । श्रावन मे घटा घनघोर सजनी गे । ।
भनही विद्यापती सुनु सुकमारी – २
धैर्य धरब त मिलता त्रिपुरारी । । श्रावन मे घटा घनघोर । ।