मैथिली कविता
मैथिली कविता
June 16, 2013
1

आहाँक याद जखन सतबैत अछि हमरा असगरे मे
हमर धरकन किछ गुनगुनाईत रहैत अछि असगरे मेकखनो आहाँ चलि आउ खुलल अछि मोनाक केबार
हमर प्रीत आईयो बजबैत अछि आहाँके असगरे मेआब त आहाँ चैन सं सुतहु नै दैत छि राति मे
सपनो मे आवि, आवि जगबैत छि हमरा असगरे मे

आहाँ त गुमसुम रहैत छि प्रेम मे लुटाकय सबकिछ
आहाँक नाम लिख लिख हम मेटबई छि असगरे मे

अनहार राईत, वर्षा-बिहाईर किछियो रहैत अछि तैयो
प्रेमक दीप बारने हमरा लग अबै छि आहाँ असगरे मे

प्रेम त अछिय आहाँक गजब शरारत सहो अजिब अछि
बहुत सिद्दत स प्रेमक अर्थ बुझबैत छि आहाँ असगरे मे

आहाँक ईमेल, फोटो, मेसेज सब रखने छि आई धरि
आहाँक मिसकल येखनो अबैत अछि हमरा असगरे मे  …….     दीपाली कर्ण !

Leave a Reply to Anil Mallik Cancel reply

1 comment

  1. Bahut neek rachana chhani, nirantarta dethi apan lekhni ke se aasha ! Aa apne’k prayasha’k sarahana karait chhi…!