चैइताबर

                    चैइताबर एही ठाम मोतीया हेरायल हो राम, काहाँ हम ढुढुँ कोठामे ढुढलौँ कोठलीयामे ढुढलौँ, ढुढली पियाके पंलगीया हो राम, काँहा हम ढुढुँ सासु सँ पुछलौँ ननदीया सँ पुछलौँ, पियाके पुछैत सरमैलौ हो राम, काँहा हम ढुढुँ ढुढीते ढुढीते मे बितल सारी रतीयाँ बीतीगेल दीन दुपहरीया […]