बटगवनी

बटगवनी प्रितम प्रित लगाक जाई छी विदेश यो, धरबै जोगीन भेष यो ना अषाढ एक मास बितल, सावन दुई मास बितल आरो बितगेल भादब सन दिन यो, धरबै जोगीन भेष यो ना आशीन आसा लगाओल कार्तीक कँतो नही आयल अगहन मन करैय जइतौहु नैहर यो, धरबै जोगीन भेष यो ना पुष सीरक भरायब माघ रघुबरके […]

विद्यापती गीत

के पतिया लए जाएत रे के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास । हिय नहि सहय असह दुःख रे, भेल साओन मास । के पतिया लए जाएत रे, मोरा पिअतम पास ।। एकसरि भवन पिया बिनु रे, मोहि रहलो न जाए । एकसरि भवन पिया बिनु रे, मोहि रहलो न जाए । सखि अनकर […]

विधापति गीत

  जय जय भैरवि जय जय भैरवि असुर भयाउनि पशुपति भामिनि माया । सहज सुमति बर दिय हे गोसाउनि अनुगति गति तुअ पाया ।। बासर रैनि सवासन शोभित चरण चन्द्रमणि चूडा । कतओक दैत्या मारि मुँह मेललि कतओ उगिलि करु कूडा ।। सामर वरण नयन अनुरंजित जलद जोग फुलकोका । कट–कट विकट ओठ पुट पाँडरि […]

विधापति गीत
Lyrics of Maithili Song – Gaura tor Angana
February 13, 2015

गौरा तोर अँगना गौरा तोर अँगना, गौरा तोर अँगना बड अजगुत देखल, बड अजगुत देखल तोर अँगना गौरा तोर अँगना, बड अजगुत देखल तोर अँगना गौरा तोर अँगना एक दिश बाघ सिँह करे हुलना, एक दिश बाघ सिँह एक दिश बाघ सिँह करे हुलना, एक दिश बाघ सिँह करे हुलना दोसर बरद छ ह सेहो […]

परिछन गीत

अब सीता रहली कुमारी हो रामा धनुषा नहि टुटे, कठिन र्पन जनक जी ने ठानल लोहे के धनुषा बनाई हो रामा धनुषा नहि टुटे देशही देश, जनक जी नेयोत पठाओल, अयोध्या मे परल हकार हो रामा धनुषा नहि टुटे देशही देशके भुप सब आयल धनुषा छुवी छुवी जाय हो रामा धनुषा नहि टुटे मुनीजीके सँग […]

फुल लोठनके गीत

बेलपात लोठ के गीत तीरहुत नगरीया मे बेल के रे गछीया हे सोहाबन लागे रघुबर तोरत बेलपात हे ।। तीरहुत नगरीया मे फुल के रे गछीया हे दुल्हा तोरत अरहुल फुल हे सोहाबन लागे ।। सोनाके साजी गौरी तोरु बेलपात हे सोहाबन लागे ।। सीता पुजु गनराज हे सोहाबन लागे ।।         […]

मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत हम नै जायब पिया कौनो शहरमे जीन्दगी बिताएब हम मिथीला नगरमे ।। २ ।। छोटकी ननैद छथीन हमर बड सहलोली मिश्री मिठ छैक सासुजी के बोली बेटा बेटा ससुर कहै छैथ आठो पहरमें ।। जिन्दगी ………….. ।। भाभी भाभी हमरा छोटका देवर कहैय मिथिला नगरके सब जान परैय दिदी दिदी कहे छोटकी देवरानी […]

मैथिली गीत

मैथिल बिबाहक गीत  मुठी एक उँच छथीन सीयाके सजनवाँ हे ।। २सिया के सजनवा सखि हे दशरथ के ललनवाँ हे ।। २मुठी एक उँच छथीन ………. श्यामल गोर किशोर मनोहर आयल जनक भवनमाँ हे माथपर हुनका चमकै छैन लालेलाल चन्दनमाँ हे मुठी एक उँच छथीन …….. दशरथ गोर कौशिल्या गोरी राम भरत किया करीया हे […]

सिरहर

               सिरहर कते दिन राम भरब हम गगरी ठाडे त भरब गगरी नहि डुबे, निहुकी के भरब भिजब मोर चुनरी कते दिन राम भरब हम गगरी नहु नहु चलब, रोय घर बालक, झटकी चलब छलक मोरा गगरी कते दिन राम भरब हम गगरी रुनु झुनु रुनु झुनु पायल बाजे, […]

महेशवाणी

महेशवाणी अपनी बरात शीव साजीलियोरे, हिमाचल नगरीया हाराके काडा, करैत के मौरी, सर्पके माला बनालियोरे हिमाचल नगरीया अपनी बरात शीव साजीलियोरे, हिमाचल नगरीया जब शीव साजात अपनी बरतीया, भुत यो प्रेत संग साथ लियोरे हिमाचल नगरीया अपनी बरात शीव साजीलियोरे, हिमाचल नगरीया परीछन चल्ली सासु मनाईन, नाग बेचारा फुफुकार, दीओरे हिमाचल नगरीया अपनी बरात शीव […]

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